कुरुक्षेत्र, 27 अक्टूबर। हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रहे रत्नावली महोत्सव ने हरियाणवी संस्कृति को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। रत्नावली के विकास में महिलाओं की अहम् भूमिका है। पूरे विश्व में हरियाणवी संस्कृति का डंका बज रहा है। यह विचार भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुदेश छिकारा ने तीसरे दिन दूसरे सत्र में ऑडिटोरियम हाल में चल रहे ग्रुप डांस रसिया में बतौर मुख्यातिथि के रूप में व्यक्त किए।
प्रो. सुदेश छिकारा ने कहा कि हरियाणवी संस्कृति के उत्थान एवं संरक्षण में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का विशेष योगदान है। रत्नावली उत्सव हरियाणवी संस्कृति को संरक्षित करने के साथ -साथ हरियाणा के सांस्कृतिक गौरव को बढ़ा रहा है। अपने विश्वविद्यालय में आकर उन्होंने अच्छा लग रहा है। खासतौर पर दर्शकों से खचाखच भरा ऑडिटोरियम हाल अच्छा लगा। इसे देखकर लगता है कि रत्नावली उत्सव अपने चरम पर है और दर्शकों में इस महोत्सव को लेकर भारी उत्साह है। उन्होंने इससे पहले कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने भगत फूल महिला महाविद्यालय, खानपुर कलां सोनीपत की कुलपति प्रो. सुदेश छिकारा तथा डॉ. पवन आर्या, उपनिदेशक आर्ट्स एंड कल्चर अफेयर्स का रत्नावली महोत्सव में पहुंचने पर स्वागत व अभिनन्दन किया और कार्यक्रम के समापन पर स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया।
प्रो. सुदेश छिकारा ने ऑडिटोरियम हॉल के प्रांगण में लगे क्राफ्ट मेले का अवलोकन किया और प्रतिभागियों की खुले मन से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि रत्नावली महोत्सव हरियाणा की पहचान है और इस महोत्सव में महिलाओं की भागीदारी इस महोत्सव को और ज्यादा आकर्षक और बेहतरीन बना देता है।
रत्नावली के विकास में महिलाओं की अहम् भूमिकाः प्रो. सुदेश छिकाराभगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुदेश छिकारा ने तीसरे दिन दूसरे सत्र में मुख्यातिथि के रूप में की शिरकत
इस मौके पर कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, आर्ट एंड कल्चरल अफेयर्स के उपनिदेशक डॉ. पवन आर्य, प्रॉक्टर प्रो. रमेश भारद्वाज, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, मुख्य सुरक्षा अधिकारी प्रो. अनिल गुप्ता, प्रो. जसबीर ढांडा, उप-निदेशक डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. ज्ञान चहल सहित शिक्षक, कर्मचारी व विद्यार्थी मौजूद थे।