कुरुक्षेत्र, 27 अक्टूबर। हरियाणा के सांस्कृतिक महोत्सव रत्नावली के तीसरे दिन राधाकृष्णन सदन में वाद्ययंत्र प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में मुख्यातिथि के रूप में एस. राठौर, उस्ताद मुस्तफा हुसैन एवं एच.सी. राय रहे। उन्होने प्रतियोगिता आरंभ होने से पूर्व सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत समृद्ध और विविध है, जो राज्य के इतिहास और परंपराओं को दर्शाती है। यदि हम वाद्य संगीत में हरियाणा का एक अद्वितीय योगदान है। लोक संगीत और नृत्य प्रदर्शनों में उपयोग किया जाने वाला एक पारंपरिक वाद्य ढोलक जो हरियाणा की लोक संगीत विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इन वाद्यों का उपयोग अक्सर पारंपरिक हरियाणवी लोक गीतों और नृत्यों में किया जाता है जैसे कि लोक नृत्य और रास लीला।
इस अवसर पर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी जींद के प्रतिभागी दक्ष, राजकीय कॉलेज नारायणगढ़ के प्रतिभागी देवेंद्र, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रतिभागी मनन, आरकेएसडी कॉलेज कैथल के प्रतिभागी राहुल और एसडी कॉलेज पानीपत के प्रतिभागी अभिषेक ने ढोलक पर अपनी शानदार प्रस्तुति दी। सभी प्रतिभागियों ने ढोलक बीन बजाकर हरियाणवी संस्कृति को दर्शाय व ढोलक व बीन बजाकर सबको प्रसन्न किया।