करनाल। माता राम प्यारी दुर्गा मंदिर सदर बाजार करनाल में चल रही कार्तिक मास की कथा के 11वें दिन रविवार को महाराज स्वामी सुख सागर पंडाल में पुहंचे। इस दौरान उनका वैद्य देवेंद्र बत्तरा ने सारी संगत के साथ मिलकर उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान ने शक्ल और अक्ल सबको अलग दी है या बनाई है। भगवान ने हम पर करूण की, जिससे हमको यह शरीर मिला है भवसागर से पार पाने के लिए। ....जो बीत गया वो बीत गया जो है वो कोई बता नहीं सकता, बाकि जीवन कैसे कटे, जो शेष जीवन है मरने से पहले भगवान के दर्शन हों, ऐसे कर्म करें। महाराज जी ने भगवत गीता के अध्याय दो और सात का वर्णन बड़े सुंदर ढंग़ से किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को रहने का ढ़ंग, कहने का संग और बैठने का ढंग़ सिखना चाहिए। जिससे भगवान का सानिन्ध्य प्राप्त हो और बार बार परमात्मा का नाम लेना चाहिए।
माता राम प्यारी दुर्गा मंदिर सदर बाजार करनाल में चल रही है कार्तिक मास की कथा
वहीं, पंडित जी ने रमा एकादशी के व्रत का वर्णन किया। इस अवसर सर्वप्रथम वैद्य देवेंद्र बत्तरा एवं दर्शना बत्तरा की अध्यक्षता में हवन यज्ञ किया गया, उसके बाद पूर्णाहूति डाली गई और प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर डा. मानव बत्तरा, सुभाष गुरेजा, द्वारका कामरा, सन्नी मुंजाल, प्रदीप, रिंकू शर्मा, संजीव वधवा, रामलाल, भारत भूषण अरोड़ा आदि मौजूद रहे।