कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रहे रत्नावली महोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम में बंधक बने दर्शक - Discovery Times

Breaking

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रहे रत्नावली महोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम में बंधक बने दर्शक

 

कुरुक्षेत्र, 28 अक्टूबर। यह शायद किसी की कल्पना में नहीं था कि डिजीटल मनोरंजन युग के युवाओं को प्राचीन हरियाणवी लोक नृत्य इतना भाएगा कि वो एक पल के लिए भी पूरे कार्यक्रम अपनी सीट से नहीं उठे। रविवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रहे रत्नावली महोत्सव में यह दृश्य देखने को मिला।  कई युवा दर्शकों ने कहा कि उन्होंने रसिया नृत्य का रस पहली बार लिया है। उन्हें इसके आगे सारे मनोरंजन के साधन फीके लगे क्योंकि इसमें दर्शकों को उर्जा से भरने की गजब की शक्ति है।

यूं तो विभिन्न विधाओं में दर्शक अच्छी संख्या में पहंुचे पर आडिटोरियम में रसिया नृत्य देखने के लिए तो इतनी भीड़ उमड़ी की बहुत से दर्शकों ने सीट न मिलने पर खड़े होकर कार्यक्रम का पूरा आनंद लिया।  समूह नृत्य रासिया प्रतियोगिता में कलाकारों ने शानदार प्रदर्शन और जोश से सभी का दिल जीत लिया। रसिया, जो लोक परंपरा से गहराई से जुड़ी है, अपनी भावपूर्ण धुनों और ऊर्जावान नृत्य से संगीत, संस्कृति और कहानी को एक साथ जोड़ती है। प्रतियोगिता का उत्साह इतना जबरदस्त था कि न सिर्फ प्रतिभागी बल्कि दर्शक भी ताल और संगीत पर झूम उठे। पूरे ऑडिटोरियम में जोश का माहौल था, और लोग अपने आप को संगीत की धुन पर थिरकने से नहीं रोक पाए। प्रतियोगिता में आईबी (पीजी) कॉलेज पानीपत की टीम ने गौरी मत ना जावे पीहर म तेरी करदू मन की पूरी, डीएवी कॉलेज अंबाला सिटी की टीम ने थारे कटे धरे अमरूद मसालो, गवर्नमेंट कॉलेज फार गर्ल्स पलवल की टीम ने बलम इब थारे मारे बीच थाडी हो तकरार, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की टीम ने देखो आ गए कृष्ण मुरार, ब्रज की कुंज गलियन में, एसडी (पीजी) कॉलेज पानीपत की टीम ने मैं दूध बिलोवन जांउ, मेरे संग चले नंदलाला, आर्य (पीजी) कॉलेज पानीपत की टीम ने होली खेलन आयो श्याम, बृज म हो गयो रसिया, गवर्नमेंट कॉलेज जींद, आरकेएसडी (पीजी) कॉलेज कैथल, एसए जैन (पीजी) कॉलेज अंबाला सिटी की टीम ने सब जन मोह लियो महाराज, के प्रतिभागियों रासिया की अपनी अनूठी शैली और प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम लोक परंपराओं को जीवित रखते हैं और युवाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं।रत्नावली महोत्सव कलाकारों और प्रदर्शनकारियों के लिए एक जीवंत मंच बना हुआ है, और ऐसी प्रतियोगिताएं मनोरंजन, प्रतिभा और परंपरा का सुंदर संगम प्रस्तुत करती हैं।

उठो उठो उठो है सखी लगो हरि के भजन

रत्नावली के तीसरे दिन खुले मंच पर सांग का प्रारंभ उठो उठो है सखी लगो हरि के भजन बोल के साथ हुआ। पहली प्रस्तुति आरकेएसडी कॉलेज ने दी जिसमें उन्होंने राजा हरिश्चंद्र जी की जीवनी पर आधारित सांग दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया जिसमें सॉन्ग के माध्यम से छात्रों ने जीवन में सत्य का महत्व बताया कि किस तरह राजा हरिश्चंद्र राजा से नौकर बने और उन्होंने सत्याग्रह पर चलते हुए अपने पुत्र तक की चिता को जलने नहीं दिया जिसके परिणाम स्वरूप उनकी पत्नी रानी  मदनावत दिमागी संतुलन खो बैठी थी और जब राजा के आदेश पर हरिश्चंद्र अपनी पत्नी को मारने गए तो भगवान विष्णु जी ने उनके सत्यवादी सिद्धांतों से प्रसन्न होकर उन्हें बीच में रोक दिया और उनकी पत्नी की जान बच गई। सांग में राजा हरिश्चंद्र की भूमिका बीए प्रथम वर्ष के छात्र मनदीप ने निभाई और रानी मदनावत की भूमिका बीए तृतीय वर्ष की छात्रा  पूर्णिमा ने निभाई।


तू के अम्बर तै टपकी थी तू भी औरत न जायी.कविता प्रतियोगिता द्वारा प्रतिभागियों ने उठाई सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज

37वें रत्नावली महोत्सव में कविता प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने सामाजिक कुरीतियों पर कटाक्ष करते हुए, बदलता हरियाणा, हरियाणा के ठाठ-बाट, गांव का लोकतंत्र, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, गांव में बंद होते कुंए तथा लुप्त होती हरियाणवी संस्कृति को बचाने का संदेश दिया।
महाराणा प्रताप नेशनल कॉलेज, मुलाना अम्बाला के प्रतिभागी ने हाँ मैं सूं हरियाणा की बीर ना, मैं लैला ना मैं हीर, राजीव गांधी महिला महाविद्यालय, उचाना जींद ने बदलते हरियाणा पर प्रस्तुति देते हुए कहा कि हरियाणा तो बदल गया, कहां गए पुराने लोग, धोती कुर्ता भूल गया, जिन्स पर देर राख्या जोर......, गवर्नमेंट कॉलेज जींद के प्रतिभागी ने आज कूण में पड़ी बेचारी रे, मेरी आंख देखन न तरसगी, पनघट पर पनहारी न द्वारा गांव में खत्म होते पानी के कुंए के बारे में बताया।

एसडी पीजी कॉलेज, पानीपत ने तू के अम्बर तै टपकी थी तू भी औरत न जायी द्वारा महिलाओं के एक-दूसरे के प्रति सकारात्मक सोच रखने का संदेश दिया। वहीं केयू कैम्पस टीम ने ग्रामीण लोकतंत्र, आरकेएसडी कॉलेज कैथल ने हरियाणा के ठाठ-बाट, एसडी पीजी कॉलेज पानीपत ने स्वर्ग-सा म्हारा हरियाणा सहित अन्य कॉलेज के प्रतिभागियों ने कविताओं के माध्यम से प्रेम, भक्ति, क्रोध, पीड़ा आदि रसों को व्यक्त किया।

SUBSCRIBE !

Welcome to Discovery Times!Chat with us on WhatsApp
"Please tell us how can we help you today?”” "Discovery Times Newspaper, copy link open at WhatsApp: " https://whatsapp.com/channel/0029VaBIde7LCoX3IgmC5e2m ” " Subscribe link to our newspaper: " https://www.discoverytimes.in/p/subscription-newspaper-portal.html ” ...
Click me to start the chat...