कुरुक्षेत्र, 09 फरवरी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संगीत एवं नृत्य विभाग में आयोजित कार्यशाला के समापन अवसर पर पंडित मुकुंद नारायण भले ने तबले पर संगत कैसे की जाती है वह गायन हो या फिर नृत्य इस विषय को लेकर छात्रों का मार्ग प्रशस्त किया। इसके साथ ही उन्होंने पांच दिवसीय कार्यशाला में बंदिशें के बारे में भी अवगत कराया।
इस अवसर पर संगीत एवं नृत्य विभाग की अध्यक्षा डॉ. आरती श्योकन्द ने सभी रिसोर्स पर्सन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विभाग के सभी विद्यार्थियों द्वारा इस कार्यशाला में बढ़ चढ़कर लेने पर प्रशंसा एवं सराहना की। उन्होंने बताया कि 5 फरवरी से 9 फरवरी के बीच आयोजित कार्यशाला में कथक नृत्य के विभिन्न आयामों व तबला वादन की बारीकियों से विषय-विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को अवगत करवाया गया। \
कत्थक में विषय-विशेषज्ञ के रूप में दिल्ली से आमंत्रित सुभाष चंद्र दिल्ली ने कत्थक नृत्य को लेकर बच्चों का मार्ग प्रशस्त किया तथा कत्थक अभ्यास की क्रियाओं व भविष्य को संवारने के बारे में बताया। कार्यशाला के समापन अवसर पर रिसोर्स पर्सन गुरु मुकुंद नारायण भले एवं कत्थक गुरु सुभाष चंद्र को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया
इस अवसर पर संगीत एवं नृत्य विभाग की अध्यक्ष डॉ. आरती श्योकंद, प्लेसमेंट सैल से डॉ. महेन्द्र, डॉ. पुरुषोत्तम, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. ज्ञान सागर, डॉ. पूजा चौधरी, डॉ. तरूण जोशी, डॉ. अरूण, संजना कुमारी व शिखा सहित विद्यार्थी मौजूद रहे।