पराली को नहीं जलाएं, बल्कि बनाएं आय का साधन--औद्योगिक ईकाईयां अगर वेस्ट में आग लगाती है तो करें आवश्यक कार्रवाई :- चेयरमैन पी राघवेंद्र राव - Discovery Times

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पराली को नहीं जलाएं, बल्कि बनाएं आय का साधन--औद्योगिक ईकाईयां अगर वेस्ट में आग लगाती है तो करें आवश्यक कार्रवाई :- चेयरमैन पी राघवेंद्र राव

 

कैथल (डिस्कवरी टाइम्स ): हरियाणा राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन पी.राघवेंद्र राव ने कहा कि जिला में ऐसे किसानों का डाटाबेस तैयार किया जाए, जोकि हर साल बार-बार अपने खेतों में पराली को जलाते हैं, ऐसे किसानों को सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं देना है। पर्यावरण प्रदूषण हम सभी के लिए हानिकारक है, इसलिए इसको रोकना हम सबकी सांझी जिम्मेदारी है। पराली प्रबंधन हेतू सरकार द्वारा किसानों के लिए अनेकों योजनाएं लागू की गई है, जो किसान पराली प्रबंधन करता है, उसकी आय में भी बढ़ोत्तरी होती है।


          हरियाणा राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन पी.राघवेंद्र राव लघु सचिवालय स्थित सभागार में पराली प्रबंधन विषय पर बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। जिला में अगर औद्योगिक ईकाईयां भी वेस्ट में आग लगाती हैं, तो उनके खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाए। जिला में गठित कमेटियां निरंतर क्षेत्र में रहकर आग लगाने की घटनाओं पर अंकुश लगाएं, वहीं किसानों को निरंतर जागरूक भी करते रहे। कई किसानों ने पराली प्रबंधन करके धनराशि अर्जित करके अपना नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में नॉन बासमती की फसल लगी है, वहां पर विशेष निगरानी रखी जाए, क्योंकि उन्हीं क्षेत्रों में पराली में आग लगाने की घटना का अंदेशा रहता है।


          चेयरमैन पी.राघवेंद्र राव ने पराली उत्पादन व खपत की फीडबैक लेते हुए कहा कि पराली को भट्ठों में इस्तेमाल करने की संभावनाओं को तलाशा जाए। जो किसान पराली जलाने की घटना में संलिप्त पाया जाता है तो जुर्माने के साथ-साथ उसका नाम भी उजागर किया जाए। जो कर्मचारी पराली प्रबंधन के क्षेत्र में अच्छा कार्य करवाता है तो उसे सम्मानित करने का कार्य किया जाए। इन सीटू मैनेजमेंट से पराली प्रबंधन अधिक से अधिक हो। इस व्यवस्था से जमीन की उर्वरा शक्ति भी बनी रहेगी। इस मौके पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि उनके पूर्व के अनुभव हैं, उन्हें एक रिपोर्ट के रूप में भिजवाएं, ताकि भविष्य की योजना तैयार की जा सके, जिससे पराली में आग लगाने की घटनाओं को बिल्कुल रोका जा सके।


          डीसी प्रशांत पंवार ने जिला में पराली प्रबंधन को लेकर किए गए कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट चेयरमैन पी.राघवेंद्र राव के समक्ष प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि जिला को 8 कलस्टरों में विभाजित किया गया है। हर कलस्टर में एचसीएस अधिकारियों के साथ टीमों की नियुक्ति की गई है। गठित टीमें निरंतर क्षेत्र में जाकर किसानों को जागरूक कर रही है। जिला में पराली में आग लगाने की घटनाओं की जानकारी के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जिनके नंबर   93502-24182, 93062-28234 हैं। कोई भी नागरिक इस पर पराली जलाने की घटनाओं की सूचना दे सकता है। उन्होंने कहा कि 10 किसानों की क्षेत्र में जाकर तथा 7 किसानों के जुर्माने सैटेलाईट से आई रिपोर्ट के आधार पर किए गए हैं। भविष्य में भी अगर कोई किसान इस तरह का कार्य करेगा तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


          इस मौके पर एसडीएम कपिल कुमार, कृष्ण कुमार व देवेंद्र शर्मा, आरटीए गिरिश अरोड़ा, डीडीपीओ कंवर दमन, तहसीलदार अनिल बिढ़ान, डीडीए महावीर सिंह, आरओ पोल्यूशन पूनम लांगयान, बीडीपीओ कंचन लता, अन्नू टोंक, अशोक मेहरा व नरेंद्र कुमार, नायब तहसीलदार आशीष, सुनील कुमार, रामजी लाल, सतीश नारा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।  

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