कुरुक्षेत्र (अनिल धीमान): जिला सिविल सर्जन डा. सुखबीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 11 मई 2023 को तीन श्रेणियों के मरीजों के लिए मासिक पैंशन के रुप में वित्तीय सहायता देने की घोषणा की थी। इस घोषणा के अनुसार 3 श्रेणियों के मरीजों, जिनमें दुर्लभ 55 बीमारियों, कैंसर की तीसरी व चौथी स्टेज, हीमोफीलिया-थैलेसीमिया के मरीजों को शामिल किया गया है। इन तीनों श्रेणियों के मरीजों को 2750 रुपए प्रतिमाह पैंशन मिलनी शुरु हो जाएगी। अहम पहलू यह है कि कुरुक्षेत्र में कैंसर की तीसरी व चौथी स्टेज के 75 तथा हीमोफीलिया-थैलेसीमिया के 35 मरीजों का पंजीकरण किया जा चुका है। इन मरीजों को 10 अक्टूबर से पैंशन मिलनी शुरु हो जाएगी।
सीएमओ डा. सुखबीर सिंह ने 55 दुर्लभ बीमारियों के मरीजों से अपील करते हुए कहा कि जो मरीज सरकार द्वारा निर्धारित दुर्लभ बीमारियों के तहत अपना इलाज दूसरे अस्पतालों में करवा रहे है, वे मरीज मासिक पैंशन के लिए अपना आवेदन एलएनजेपी अस्पताल के एनसीडी यूनिट में कर्मचारी नवनीत सिंह व एनएचएम सोसायटी के कर्मचारी गौरव कुमार के पास जमा करवा सकते है ताकि इन 55 दुर्लभ बीमारियों के मरीजों को भी सरकार की पैंशन योजना का लाभ मिल सके। इन कर्मचारियों के अलावा नोडल अधिकारी डा. कृष्ण दत्त से भी मरीज संपर्क कर सकते है। इसके लिए सरकार ने कुछ यिम भी निर्धारित किए है। यह मरीज हरियाणा का स्थाई निवासी होना चाहिए और वार्षिक पारिवारिक आय 3 लाख रुपए से कम होनी चाहिए।
दुर्लभ 55 बीमारियों, कैंसर व हीमोफीलिया-थैलेसीमिया के मरीजों को मिलेगी अब मासिक पैंशनसरकार की घोषणा के अनुसार कुरुक्षेत्र के 75 केंसर रोगियों व 35 हीमोफीलिया-थैलेसीमिया के मरीजों को 10 अक्टूबर से मिलेंगी 2750 रुपए प्रतिमाह पैंशन, दुर्लभ 55 बीमारियों के मरीज एलएनजेपी अस्पताल में पैंशन के लिए कर सकते है आवेदन
उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा ऐसे रोगियों के इलाज के लिए रजिस्टरी बनाएगा और फिर सत्यापन उपरांत आवेदन पत्रों को नागरिक संसाधन सूचना विभाग के पास वित्तीय सहायता के लिए भेजा जाएगा। इन दुर्लभ बीमारियों के मरीजों व परिवार के सदस्यों से अनुरोध किया गया है कि सिविल अस्पताल में निर्धारित कर्मचारियों और अधिकारियों से संपर्क करें। इस प्रकार के मरीजों को फार्म के साथ आधार कार्ड, परिवार पहचान पत्र, हरियाणा निवास प्रमाण पत्र, बैंक पास बुक और सरकार द्वारा निर्धारित 11 स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा किए गए इलाज के दस्तावेज संलग्न करने होंगे।
कौन-कौन सी है 55 दुर्लभ बीमारियां
सीएमओ डा. सुखबीर सिंह ने कहा कि 55 दुर्लभ बीमारियों में म्यूकोपॉलीसेकेरॉइडोसिस (एमपीएस) टाइप 1 (गंभीर रूप), लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर (एसडीएस), एड्रेनोलुकोडिस्ट्रोफी (प्रारंभिक चरण, से पहले कठिन तंत्रिका संबंधी लक्षणों की शुरुआत, गंभीर संयुक्त इम्युनोडेफिशिएंसी (सीआईडी)विस्कॉट एल्ड्रिच सिंड्रोम,क्रोनिक ग्रैनुलोमेटस रोग,फैंकोनी एनीमिया,ऑस्टियोपेट्रोसिस, टायरोसिनेमिया, लारोन सिंड्रोम, ग्लाइकोजन भंडारण विकार (जीएसडी), मल्टीपल लीवर एडेनोमास, कार्बनिक अम्लीयता,एमएसयूडी (मेपल सिरप मूत्र रोग), ऑटोसोमल रिसेसिव पॉलीसिस्टिक किडनी रोग(एआरपीकेडी), फैब्री रोग, ऑटोसोमल प्रमुख पॉलीसिस्टिक किडनी रोग (एडीपीकेडी), फेनिलकेटोनुरिया (पीकेयू), गैर-पीकेयू हाइपरफेनिलएलेनिमिया स्थितियाँ, टायरोसिनेमिया टाइप 1 और 2, आइसोवालेरिक एसिडिमिया, प्रोपियोनिक एसिडिमिया, गैलेक्टोसिमिया, ल्यूसीन संवेदनशील हाइपोग्लाइसीमिया, गंभीर खाद्य प्रोटीन एलर्जी, ग्लूकोज गैलेक्टोज कुअवशोषण, टायरोसिनेमिया टाइप 1 के लिए एनटीबीसी, ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा - बिसफ़ॉस्फ़ोनेट्स चिकित्सा, प्रेडर विल सिंड्रोम, टर्नर सिंड्रोम, नूनन सिंड्रोम, सिस्टिक फाइब्रोसिस- अग्न्याशय एंजाइम अनुपूरक, एक्स-लिंक्ड एगमैब्लोबुलिनमिया, विल्सन रोग, जन्मजात अधिवृक्क हाइपरप्लासिया, नवजात शुरुआत मल्टीसिस्टम सूजन,रोग (एनओएमआईडी) हर्लर सिंड्रोम म्यूकोपॉलीसेकेरिसोसिस (एमपीएस), गौचर रोग, हंटर सिंड्रोम (क्षीण रूप), पोम्पे रोग (शिशु और देर से शुरू होने वाला दोनों), रोग के विकास से पहले एमपीएस आईवीए, फैब्री रोग का अंतिम अंग क्षति से पहले निदान किया गया, रोग के विकास से पहले एमपीएस, सिस्टिक फाइब्रोसिस (शक्तिवर्धक), डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी,. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी, वोल्मन रोग, हाइपोफॉस्फेटसिया, न्यूरोनल सेरॉइड लिपोफसिनोसिस, हाइपोफॉस्फेटिक रिकेट्स, एटिपिकल हेमोलिटिक यूरेमिक सिंड्रोम (एएचयूएस) आदि शामिल है।