जानकारी देते हुए डीएसपी यातायात प्रदीप कुमार ने बताया कि काला शीशा लगे वाहन के अंदर अपराधी हैं या वीआईपी किसी को भी पता नहीं चलता । अपराधी अक्सर काला शीशा लगे वाहनों से गैर क़ानूनी कार्यों को अंजाम देकर भाग जाते हैं । आपराधिक चरित्र वाले लोग अपनी पहचान छिपाने के लिए ऐसे वाहनों का उपयोग करते हैं। इसलिए ब्लैक फिल्म या जाली वाले वाहनों पर कार्रवाई करने के लिए वीरवार को जिला पुलिस ने स्पैशल अभियान चलाया । उन्होने बताया कि वीरवार शाम को जिला मे एकसाथ स्पैशल अभियान चलाकर ऐसे वाहन चालको के खिलाफ कारवाई की गई जिन्होने वाहनो पर काली फिल्म या जाली लगाई हुई थी। जिला पुलिस द्बारा कुल 09 वाहन चालको के चालान किये गये।
गाड़ियों के शीशों पर ब्लैक फिल्म या जाली ना लगाएं, अन्यथा होगी कार्रवाई: पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिहं भोरिया ने कहा कि गाड़ी के शीशे काले करवाना या उस पर किसी तरह की जाली लगाना यातायात के नियमों का उल्लंघन है साथ ही गैरकानूनी भी है। ट्रैफिक नियमों के अनुसार कार के शीशों पर जीरो विजिबिलिटी वाली ब्लैक फिल्म लगाने पर 10 हजार रुपए के चालान करने का प्रावधान है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अपनी गाड़ी की शीशों में काली फिल्म नहीं लगा सकता। काला शीशा लगे वाहनों का उपयोग अक्सर आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोग करते हैं ताकि वो अपनी पहचान छुपा सके । इसलिए ब्लैक फिल्म या जाली वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। ट्रैफिक पुलिस के साथ सभी थाना की टीमें ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करेंगी । इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेगें ।