कुरुक्षेत्र (अनिल धीमान) 16 जुलाई: जिला सिविल सर्जन डा. सुखबीर सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य पर विशेष फोकस रखकर काम कर रहे है। इस जिला में अब तक विशेष शिविर लगाकर 5149 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा चुकी है। अहम पहलू यह है कि विभागीय कर्मचारियों ने घर-घर जाकर ओआरएस के 2058 पैकेट भी वितरित कर दिए है। इस समय विभाग द्वारा एलएनजेपी नागरिक अस्पताल में कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है। इस कंट्रोल रूम के नंबर 108, 79885-70108 या फिर 01744-270262 पर 24 घंटे संपर्क कर सकते है।सीएमओ डा. सुखबीर सिंह ने रविवार को बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य के बारे जानकारी हासिल की है। उनके साथ डिप्टी सिविल सर्जन डा. रमेश सभ्रवाल, डिप्टी सीएमओ डा. संदीप अग्रवाल, अतिरिक्त वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. कृष्ण दत्त और पूरा स्टाफ लोगों के स्वास्थ्य की चिंता कर अपने कार्य में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु प्रारंभ हो चुका है तथा जनपद के कुछ गांव व शहरी एरिया में पानी जमा हो गया है जिससे जल जनित बीमारियों के फैलने की आशंका बन सकती है। इस स्थिति को देखते हुए सभी को अपने संस्थान में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां, आईवी फ्लूड एवं बेड की व्यवस्था करना सुनिश्चित करना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की महामारी की स्थिति से तदनुसार निपटा जा सके। इस बाढ़ के दौरान जल स्रोतों की खराब गुणवत्ता या अस्वच्छ प्रबंधन प्रथाओं के कारण जल जनित रोग व वेक्टर जनित रोग हो सकते है।
उन्होंने कहा कि सभी रोगों पर नियंत्रण करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाइजरी पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। विभागीय कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर पीने के पानी को हैलोजन टैबलेट द्वारा पीने योग्य कैसे बनाया जाए के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। इन टैबलेट को 20 लीटर पानी में एक टैबलेट को पील डाले, उस पानी को एक घंटा बाद प्रयोग में लाए। लोगों से अपील की जा रही है कि बाढ़ प्रभावित स्थानों में रुके हुए पानी से होने वाली बीमारियों से बचाव हेतु ब्लीचिंग पाउडर का प्रयोग करें। जिन घरों में बाढ़ का पानी निकल गया है वहां रहने से पहले सफाई के बाद ब्लीचिंग पाउडर को 18 से 20 लीटर पानी 250 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर मिला ले, रूके हुए पानी को निकाल कर उक्त पानी में ब्लीचिंग पाउडर का घोल बनाकर पोछा लगाए, उसी जगह तीन घंटे बाद साफ पानी का पोछा लगाना चाहिए। सामुदायिक केंद्र मथाना के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. सुदेश सहोता व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव खेड़ी मारकंडा, दबखेड़ी, जोगना खेड़ा व आस-पास के क्षेत्र के सभी गांव में हैलोजन, ओआरएस के पैकेट वितरित किए है। इसके साथ लोगों को जागरूक भी किया है।
जिले में पशुओं के स्वास्थ्य की जांच कर लगाई जा रही है वैक्सीन
जिला में बरसाती पानी की निकासी के उपरांत पशुओं को भी किसी महामारी की चपेट में आने से बचाने के लिए वैक्सीन लगाने का काम किया जा रहा है। पशुपालन विभाग द्वारा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में जाकर पशुओं को बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जा रहा है। इसके साथ-साथ विभिन्न गौशालाओं में भी पशुओं को वैक्सीन लगाने के साथ दवाइयों भी गौशाला संचालकों को पशुओं के लिए दवाइयां भी प्रदान की जा रही है। जिले में पशुपालन विभाग द्वारा 77 गांवों में जाकर अब तक पशुओं की 281 ओपीडी की गई है, जिसके तहत 492 पशुओं को कृमि मुक्ति का टीका व करीब 100 भेड़ को चेचक का टीका व करीब 60 स्वाइन फीवर से बचाव के लिए टीकाकरण किया गया है।