कुरुक्षेत्र 20 नवंबर श्री जयराम विद्यापीठ के संचालक ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का एक पौराणिक और आध्यात्मिक इतिहास रहा है। इस धरा पर जहां भगवान श्रीकृष्ण ने मोह ग्रस्त अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया वहीं पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकों ने मानवता को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान किया है। इसके साथ-साथ अनेक महान संतों के पैर इस धरा पर पड़े। कई महान संत व गुरु इस धरा पर पहुंचे है। इसलिए इस धरा के स्मरण मात्र से ही मनुष्य को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ-साथ ब्रह्मसरोवर का भी कुरुक्षेत्र के इतिहास में एक धार्मिक और पौराणिक इतिहास है। विभिन्न अवसरों पर इस तीर्थ के सरोवर में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
सांध्यकालीन महाआरती में जयराम विद्यापीठ के संचालक ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की धर्मपत्नी सुमित्रा महाजन ने की शिरकत, भजन संध्या का हुआ आयोजन
संचालक ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी रविवार को देर सायं ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले संचालक ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की धर्मपत्नी सुमित्रा महाजन, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, केडीबी सीईओ चंद्रकांत कटारिया सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव पर ब्रह्मसरोवर की महाआरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्वलित कर विधिवत रुप से महाआरती का शुभारम्भ भी किया। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया। केडीबी सीईओ चंद्रकांत कटारिया ने मेहमानों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम के अंत में केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।