कुरुक्षेत्र डिस्कवरी टाइम्स : वातावरण स्वच्छ होगा तो हम सब स्वस्थ रह सकते हैं । वातावरण स्वच्छता का सीधा सा नाता पेड पौधों से है। आओ हम सभी मिलकर पेड़-पौधे लगाकर अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए प्राकृतिक संसाधनों की अमूल्य सौगात दें। वृक्ष निरंतर कार्बन डाइऑक्साइड लेते है और आक्सीजन छोडते हुए सूर्य की मदद से अपना भोजन तैयार करते हैं। पेडो द्धारा आक्सीजन यानि प्राणवायु छोडने के कारण मानव जिन्दा रह सकता है। मानव का जीवन वृक्षों पर आधारित है अन्यथा सृष्टि नष्ट हो जाऐगी। आजकल वातावरण प्रदूषण से विश्व चितिंत है, मानव जीवन खतरे में है इसलिये सृष्टि के सरक्षंण के लिये हमें ज्यादा से ज्यादा पेड लगाने चाहियें और उनकी देखभाल करके विश्व कल्याण में अपना योगदान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रकृति जल, जंगल और जमीन के बिना अधूरी है। भारत विश्व का एकमात्र देश है जहाँ प्रकृति को ईश्वर का पर्याय माना जाता है। परंतु विडम्बना देखिये कि भारत देश में ही इन तीनों तत्वों का तेजी से ह्रास हो रहा है। यदि प्रकृति बची रहेगी, तभी जीवन बचेगा। इसलिए प्रकृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए हमे अपना कर्तव्य निभाना चाहिये। उन्होंने कहा कि खुशी की पहली शर्तों में से एक ये है कि इंसान और प्रकृति के बीच रिश्ते टूटने न पाए। इसलिये हमे चाहिये कि हम संकल्प लें कि पेड-पौधो को ना सिर्फ लगाएगें बल्कि उनकी देखभाल करके प्रकृति के प्रति अपना मानव धर्म निभायेंगे। यह बातें पुलिस अधीक्षक डॉ अंशु सिंगला ने विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण बचाने का सन्देश देते हुए कही ।