कुरुक्षेत्र, (डिस्कवरी टाइम्स): कुरुक्षेत्र के 51 वर्षीय अरविंद कुमार 106 किलोग्राम वजन के साथ चलने फिरने में मुश्किल पेश आ रही थी, जिस कारण उनको कठिन समय का सामना करना पड़ रहा था। उन्हें टाइप 2 डायबटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, फैटी लीवर, खर्राटे की समस्या, गंभीर पीठ दर्द और पोलियो के कारण प्रतिबंधित गतिशीलता भी थी। इसने रोगी को हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी संभावित जीवन-धमकाने वाली समस्याओं के विकास के उच्च जोखिम में डाल दिया। सभी रोगियों द्वारा व्यायाम के माध्यम से वजन कम करने के प्रयासों का कोई परिणाम नहीं निकला था और वह अपनी स्वास्थ्य स्थिति के कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहा था।
रोगी ने जुलाई, 2019 में डॉ.अमित गर्ग, बैरियाट्रिक और एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जन, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली से संपर्क किया। रोगी की गहन जांच के बाद, डॉ.गर्ग ने सुझाव दिया कि बैरियाट्रिक सर्जरी या मेटाबोलिक सर्जरी रोगी के लिए एक आदर्श उपचार विकल्प था। बेरियाट्रिक सर्जरी लैप्रोस्कोपिक रूप से की जाती है और किसी व्यक्ति के पाचन तंत्र में परिवर्तन करके वजन कम करने में सहायता करती है। यह मोरबिड ओबेसिटी यानि एक रोग बन चुके मोटापे और संबंधित टाइप 2 डायबटीज (मधुमेह), उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर), अनिंद्रा (स्लीप एपनिया), बांझपन (इनफर्टिलिटी) आदि के रोगियों के इलाज के लिए एकमात्र वैज्ञानिक रूप से सिद्ध तरीका है और रोगियों को सर्जरी के कुछ ही दिनों के भीतर सामान्य काम फिर से शुरू करने की अनुमति देता है।
फोर्टिस मोहाली ने बैरियाट्रिक सर्जरी के माध्यम से मोरबिड ओबेसिटी (रुग्ण मोटापा) और मेटाबोलिक विकारों से पीडि़त रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया
डॉ. गर्ग ने रोगी पर 2019 पर बैरियाट्रिक सर्जरी की। सर्जरी के बाद, रोगी का वजन 106 किलोग्राम से घटकर 63 किलोग्राम हो गया और टाइप 2 डायबटीज, कोलेस्ट्रॉल स्तर और फैटी लीवर जैसी उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान हो गया। डॉ.गर्ग ने कहा कि ‘‘आज, रोगी सक्षम हैं बिना थकान के 3-4 किलोमीटर चलना और सभी नियमित गतिविधियों को आसानी से करने में सक्षम है।’’
एक अन्य मरीज, करनाल की 45 वर्षीय दलजीत कौर का वजन 120 किलोग्राम था और उनमें उच्च रक्तचाप, घुटने में दर्द, पीठ दर्द और सीमित गतिशीलता जैसे कई गंभीर लक्षण थे। उन्होंने मार्च, 2020 में फोर्टिस मोहाली में डॉ. गर्ग से संपर्क किया और बाद में बैरियाट्रिक सर्जरी करवाई। सर्जरी के बाद, रोगी की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान हो गया क्योंकि उसने आज 53 किलोग्राम वजन कम कर लिया किया और उसका वजन 67 किलोग्राम है।
बैरियाट्रिक सर्जरी के लाभों पर चर्चा करते हुए, डॉ.गर्ग ने कहा कि ‘‘बैरियाट्रिक सर्जरी मोटापे के इलाज के लिए एक वरदान है जो धूम्रपान के बाद मृत्यु का दूसरा रोकथाम योग्य कारण बन गया है। कई मोटे व्यक्तियों के लिए, बैरियाट्रिक सर्जरी वजन घटाने के लिए उस समय सबसे प्रभावी दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती है जब अन्य सभी तरीके विफल हो जाते हैं। सर्जरी के प्रकार और वजन घटाने की मात्रा के आधार पर, रोगियों में मधुमेह को सुधारने या हल करने के लिए बैरियाट्रिक सर्जरी काफी प्रभावी पाया गया है। इसके चलते कई लोगों में स्लीप एपनिया कम करने, उच्च रक्तचाप नियंत्रित होने, जोड़ों के दर्द में कमी; और उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में मदद मिली है और उनका स्वास्थ्य पहले से कहीं बेहतर हुआ है।’’
डॉ.गर्ग ने कहा कि ‘‘इन रोगियों को बैरियाट्रिक सर्जरी से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता को लाभ मिलता है और वजन घटाने का ये एक बेहतरीन तरीका है। आज वे आसानी से कहीं भी घूम-फिर सकते हैं और अपने आप में काफी बेहतर महसूस करते हैं। उनका अवसाद और हताशा का स्तर काफी हद तक समाप्त हो गया है और वे आज काफी बेहतर पारिवारिक, सामाजिक और कामकाजी जीवन जीते हैं।’’