कुरुक्षेत्र 16 जनवरी 2022 (डिस्कवरी इंडिया फाउंडेशन) : आज हमारी जरूरतें भी बढ़ती आबादी के साथ लगातार बढ़ रही है। आए दिन उपभोक्ता नई-नई वस्तुओं का उपभोग करता है। ज्यादातर लोग हममें से खरीदारी करना पसंद करते हैं, इसी खरीदारी के साथ यह भी सच है कि आए दिन उपभोक्ता का शोषण भी होता है , चाहे वो गुणवत्ता के आधार पर हो, चाहे सस्ती चीजों को महंगे दाम में बेचना हो , चाहे खाद्य अपमिश्रण द्वारा हो आदि ये सभी उपभोक्ता शोषण के अंदर आते हैं। इसी को मद्देनजर रखते हुए कंज़्यूमर राइट्स को समझना अति आवश्यक हो गया है। यदि कंज़्यूमर राइट्स के बारे में पता होगा तो उपभोक्ता शोषण से बच सकते हैं।
एक जागरूक खरीदार होने के नाते आपको भारत के ये खास कंज्यूमर राइट्स के बारे में जरूर पता होना चाहिए।
कंज्यूमर होने के नाते हमें कई अधिकार दिए गए हैं। लेकिन हममें से बहुत कम लोग ही इन अधिकारों के बारे में पूरी तरह से जानते होंगे। ये सभी अधिकार आपको कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत दिए जाते हैं। बता दें कि अपने अधिकारों के बारे में कम जानकारी होने के कारण लोग छोटी-छोटी खरीदारी में अपना नुकसान कर बैठते हैं। कई बार कुछ दुकानदार कम जागरूक ग्राहक को देखकर उसका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। इस कारण आपको अपने कुछ बेसिक कंज्यूमर अधिकारों के बारे में जरूर पता होना चाहिए, ताकि आप एक जागरूक खरीदार बन सकें।और जिनका इस्तेमाल करके आप एक सतर्क और जागरूक ग्राहक बन सकते हैं।
क्या हैं ग्राहकों के अधिकार।
आखिर हमारे मूल कंज्यूमर राइट्स कौन-कौन से हैं ? हमें किस तरह इसका इस्तेमाल करना चाहिए ?
राइट टू सेफ्टी (Right to Safety)
राइट टू सेफ्टी आपको सुरक्षा का अधिकार देता है। बता दें कि कोई भी दुकानदार अपने ग्राहक को खराब वस्तु नहीं दे सकता है, जिससे भविष्य या वर्तमान में ग्राहक को उस सामान से कोई भी नुकसान हो। इस अधिकार के जरिए किसी भी दुकानदार को सामान देते वक्त इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि सामान की गुणवत्ता खराब ना हो। अगर कोई सामान खराब दिया जाता है, तो ग्राहक होने के नाते आप उसे बदलवा सकते हैं।
राइट टू इन्फॉर्मेशन (Right to Information)
राइट टू इन्फॉर्म के तहत हर कंज्यूमर को किसी भी प्रोडक्ट की क्वालिटी या क्वांटिटी के विषय में जानने का पूरा अधिकार है। ग्राहक होने के नाते आपके पास पूरा अधिकार है कि आप प्रोडक्ट या सर्विस की शुद्धता,मूल्य और क्वालिटी स्टैंडर्ड से जुड़ा कोई भी सवाल दुकानदार से पूछ सकते हैं।
राइट टू चूज (Right to Choose)
राइट टू चूज आपको यह अधिकार देता है कि आप अपनी पसंद के किसी भी प्रोडक्ट का चुनाव करें। कोई भी दुकानदार आपको किसी भी सामान या सर्विस को चुनने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।
ग्राहक सभी प्रकार की चीजों को देखकर अपनी पसंद के हिसाब से कोई भी सामान खरीद सकता है। ऐसा करने से ग्राहक को एक बेहतर कॉम्पिटेटिव मार्केट मिलता है, जिस कारण दुकानदार अपने ग्राहकों के लिए बेहतर प्रोडक्ट बनाने या उपलब्ध कराने का प्रयास करते हैं।
राइट टू हर्ड (Right to Heard)
हर्ड का मतलब होता है सुनना या सुने जाना, ग्राहक होने के नाते आपका यह अधिकार है कि यदि आपके साथ कोई अन्याय हो तो उसे सुना जाए। यह भी बता दें कि कोई भी दुकानदार अपने ग्राहक के साथ बुरा व्यवहार नहीं कर सकता है,
राइट टू रिड्रेसल (Right to Redressal)
अगर दुकानदार ग्राहक को कोई खराब सामान देता है, तो उसे ग्राहक को रिलीफ अमाउंट या दूसरा सही प्रोडक्ट देना चाहिए। ऐसे में अगर किसी दुकानदार ने आपको खराब प्रोडक्ट दिया है तो आप उसे या तो बदलवा सकते हैं या उसकी जगह दुकानदार से रिलीफ अमाउंट की मांग कर सकते हैं।
उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार (Right to Consumer Education)
एक उपभोक्ता के रूप में, आपको अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में पता होना चाहिए। डिस्कवरी इंडिया फाउंडेशन उपभोक्ताओ को उनके अधिकारों के बारे में सशक्त बनाने का लक्ष्य रखता है, ताकी इसके अंतर्गत उपभोक्ता संघों, शैक्षिक संस्थानों के साथ-साथ सरकारी नीति निर्माता प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध कर्तव्यों, जिम्मेदारियों और राहत के बारे में सूचित करके उपभोक्ता शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने मे राष्टहित मे अपना योगदान दे सके ।
याद रखे हर उपभोक्ता को अपनी वास्तविक शिकायतों को सामने रखने और बेईमान शोषण के खिलाफ लड़ने का अधिकार है। आपको अपनी समस्याओं के निवारण और अपने प्रश्नों को हल करने का अधिकार है।
ग्राहक होने के नाते आपको यह अधिकार है कि आप अपने अधिकारों के प्रति पूरी तरह से जागरूकता और जानकारी रखें। आपको अपने साथ होने वाले फ्रॉड या अन्याय के प्रति जानकारी हो, इसलिए डिस्कवरी इंडिया फाउंडेशन द्वारा समय-समय पर ग्राहक जागरूकता का अभियान चलाया जायेगा, ताकी भारत सरकार के नारे 'जागो ग्राहक जागो' अभियान के तहत् ग्राहकों को उनके अधिकारों के बारे में बताया जा सके ।