कुरुक्षेत्र 11 जनवरी 2022 ( मंजुला ): विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिखों के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर आज गुरुजी के साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहीदी दिवस 26 दिसंबर को हर वर्ष वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लेकर सराहनीय कदम उठाया है। प्रधानमंत्री के वीर बाल दिवस मनाने के फैसले से चारों साहिबजादों की राष्ट्रभक्ति से देश के करोड़ों बच्चों को देशभक्ति व राष्ट्रसेवा की प्रेरणा मिलेगी।
वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय प्रधानमंत्री का सराहनीय कदम
विधायक सुभाष सुधा ने सोमवार को बातचीत करते हुए कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने कभी अन्याय के आगे सिर नहीं झुकाया। उन्होंने समावेशी और सौहार्दपूर्ण विश्व की कल्पना की थी। देश उनकी वीरता व कुर्बानियों को युगों-युगों तक याद रखेगा । श्री गुरु गोबिंद सिंह जी अदम्य साहस, समर्पण व शौर्य के प्रतीक थे। उन्होंने धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। सिख धर्म के दसवें गुरु ने आजीवन मानवता की भलाई के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि अब हर वर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने से गुरु जी के साहिबजादों के साहस व न्याय स्थापना की उनकी कोशिशों को हमेशा याद रखा जा सकेगा। यह वीर बाल दिवस उसी दिन मनाया जाएगा, जिस दिन जब साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। इन दोनों महान हस्तियों ने धर्म के महान सिद्धांतों से विचलित होने की बजाय मौत को चुना था। माता गुजरी, गुरु गोबिंद सिंह जी और चारों साहिबजादों की बहादुरी और आदर्शों ने लाखों लोगों को ताकत दी थी।