शाहबाद 17 जनवरी 2022 (मंजुला ) :अटल भूजल योजना 25 दिसंबर 2019 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक भूजल प्रबंधन योजना है। इस योजना का उद्देश्य भारत के सात राज्यों में भूजल प्रबंधन में सुधार करना है। इस योजना से हरियाणा राज्य की 1669 ग्राम पंचायत लाभान्वित हो रही है। इस योजना के तहत कुरुक्षेत्र जिले से तीन ब्लॉक (शाहाबाद, पिहोवा और लाडवा) के 189 गांवों को कवर किया जा रहा है। डार्क जोन की स्थिति पर काबू पाने के लिए जिला कार्यान्वयन भागीदार टीम डॉ नवीन नैन के मार्गदर्शन में कुरुक्षेत्र जिले के 189 गांवों में भूजल के सभी पहलुओं और वैज्ञानिक आंकड़ों को समझने के लिए काम कर रही है।
डॉ. नवीन नैन भूजल विशेषज्ञ ने विभिन्न विभागों से 189 गांवों के सामाजिक जल विज्ञान संबंधी आंकड़े और वैज्ञानिक आंकड़े एकत्र किए। इस डेटा की तुलना अटल भूजल योजना के तहत वेल इन्वेंटरी और एक्विफर मैपिंग के दौरान एकत्र किए गए उनके फील्ड डेटा से की जा रही है। वे वेल इन्वेंटरी और हाइड्रोलॉजिकल सर्वे के साथ ही 189 गांवों का भूजल गुणवत्ता परीक्षण करने का प्रयास कर रहे हैं। अटल भूजल योजना के तहत शाहाबाद प्रखंड के 73 गांवों पर काम शुरू हो गया है। पहले दौर में जिला इम्प्लीमेंट पार्टनर सदस्यों ने चढुनी जाटान, खरींडवा, अटवान, कतलाहरी, शरीफगढ़, तंगौर, तंगौरी का दौरा किया। इन बैठकों में भूजल प्रबंधन के लिए अटल भूजल योजना के लाभों को टीम के सभी सदस्यों द्वारा पेश किया गया है। इन गांवों का चयन करने का मुख्य लक्ष्य अगले 5 साल में सामाजिक भागीदारी और कम्युनिटी भागीदारी द्वारा भूजल की स्थिति का प्रबंधन करना है। भूजल के प्रबंधन के लिए विभिन्न जातियों के ग्रामीणों की भूमिका, विभिन्न भूमि धारकों के किसानों और महिलाओं की भागीदारी बहुत अनिवार्य है।
डॉ. नैन ने कहा कि ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों को भूजल एवं सतही जल के स्रोत के प्रबंधन के लिए सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन प्रशिक्षण एवं सुझाव दिये जा रहे है। सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन प्रशिक्षण गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और अंतर्राष्ट्रीय विकास में शामिल अन्य एजेंसियों द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक दृष्टिकोण है। दृष्टिकोण का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों (जैसे पानी) विकास परियोजनाओं (जैसे अटल भूजल परियोजना) और कार्यक्रमों (जैसे जल पंचायत और सांस्कृतिक गतिविधियों) की योजना और प्रबंधन में ग्रामीण लोगों के ज्ञान और राय को शामिल करना है। पहले सामाजिक जल विज्ञान सर्वेक्षण में 8 गांवों का भूजल स्तर 120-150 फीट के बीच अलग-अलग है। यह जानकारी स्थानीय लोगों द्वारा एकत्र की गई थी