कुरुक्षेत्र 19 दिसंबर:हमें वर्तमान और आने वाली पीढिय़ों को पौष्टिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध होना होगा और किसानों को पेस्टीसाइड का प्रयोग छोड़ जैविक खाद अपनाने के लिए प्रेरित करना होगा। इसके लिए पेस्टीसाइड्स विक्रेता महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं, क्योंकि वे किसानों से सीधे जुड़े होते हैं। यह बात सीकरी फार्म के संस्थापक करण सीकरी ने 35 प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कही।
पेस्टीसाइड विक्रेता प्रशिक्षुओं का यह दल कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा द्वारा जींद में स्थापित हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एंड एक्सटेंशन ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट (हमेटी) के तहत शाहबाद के डंगाली गांव स्थित सीकरी फार्म का रविवार को दौरा करने पहुंचा था। दल का नेतृत्व हमेटी के डिप्टी डायरेक्टर एवं हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्लांट पैथोलॉजी प्रोफेसर डॉ. जेएन भाटिया कर रहे थे। प्रशिक्षुओं ने फार्म में जैविक खाद के निर्माण की प्रक्रिया को करीब से जाना। इस बारे में फार्म के संस्थापक करण सीकरी ने उन्हें जैविक खाद की जरूरत और उपलब्धता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी और प्रशिक्षुओं द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए।
किसानों को जैविक खाद्य के लिए प्रेरित करने में पेस्टिसाइड विक्रेताओं की अहम भूमिका:सीकरी
कृषि विभाग के जींद स्थित हमेटी संस्थान के 35 प्रशिक्षुओं ने किया सीकरी फार्म शाहबाद का दौरा
करण सीकरी ने अपने संबोधन में प्रशिक्षुओं को बताया कि जैविक खाद आज की जरूरत है और हमारी धरती को 600 लाख मैट्रिक टन जैविक खाद की जरूरत है। डॉ. जेएन भाटिया ने भी भूमि की उर्वरता शक्ति को बचाए रखने के लिए जैविक खाद की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जैविक खाद भूमि की फिजिकल, केमिकल और बायोलॉजिकल कंडीशन को सुधारती है। कार्यक्रम में सुनाल महाजन, गौरव कुमार, वरुण कुमार, राकेश शर्मा, जीपी, जितेंद्र, अश्वनी आदि भी मौजूद थे।