कैथल के शुगर मिल के एमडी सतेन्द्र सिवाच ने रविवार को भी देर सायं महोत्सव में 57 नम्बर पर लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया। यहां पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए एमडी शुगर मिल सतेन्द्र सिवाच ने कहा कि महोत्सव में 16 दिसंबर को स्टॉल लगाया गया और पहले दिन 250 किलोग्राम गुड़ और शक्कर की सेल हुई। इसके बाद 17 दिसंबर को 350 किलोग्राम, 18 दिसंबर को 600 किलोग्राम तथा महोत्सव के अंतिम दिन 19 दिसंबर को सायं 5 बजे तक 1 हजार किलोग्राम गुड़ और शक्कर की सेल दर्ज की जा चुकी है। इस प्रकार इन 4 दिनों में कुल 2200 किलोग्राम गुड़, शक्कर और चीनी की डेढ़ लाख रुपए की बिक्री हुई है।
कैथल शुगर मिल के केमिकल रहित गुड़ व शक्कर की 4 दिन में सेल हुई डेढ लाख रुपए
कैथल शुगर मिल के सेल्स मैनेजर जगदीश चंद्र ने कहा कि इस स्टॉल से 4 दिनों में करीब 2200 किलोग्राम गुड़ और शक्कर की सेल की जा चुकी है। इस स्टॉल पर चीनी, गुड़ और शक्कर रखी गई है। इस महोत्सव में पर्यटकों के लिए केमिकल रहित गुड की कीमत 60 रुपए प्रति किलो, शक्कर की कीमत 70 रुपए प्रति किलो और चीनी की कीमत 38 रुपए प्रति किलो रखी गई है। इस महोत्सव में पहली बार मिल की तरफ से स्टॉल लगाया गया है। शुगर मिल में केमिकल रहित गुड़ बनाने के लिए अलग से कोल्हू लगाया गया है। गुड़ बनाने के लिए मिल कर्मियों ने पूरी मेहनत की है। इसके लिए पहले सुकलाई लगाई गई है ताकि कहीं से खरीद कर ना लानी पड़े। शुगर मिल में जो गुड़ तैयार किया जा रहा है। वह लोगों को खुब पसंद आ रहा है। यह गुड़ बाजार में बिकने वाले गुड़ से थोड़ा महंगा है, लेकिन पारखी लोग इसे बड़े चाव से खरीद रहे है। इस गुड़ में सौंफ, हल्दी व अदरक को बारीकी से पीसकर डाला गया है ताकि सर्दी में गुड़ एक प्रकार से जड़ी-बूटी का काम करे। यह गुड़ पूर्णत: केमिकल रहित है और इसे गन्ने की जो अच्छी क्वालिटी है उससे तैयार किया जा रहा है।