प्राचीन काल में विलुप्त हुई सरस्वती नदी का आगामी एक वर्ष में बदल जाएगा स्वरुप: धुम्मन - Discovery Times

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प्राचीन काल में विलुप्त हुई सरस्वती नदी का आगामी एक वर्ष में बदल जाएगा स्वरुप: धुम्मन

                                    

कुरुक्षेत्र 4 जून:हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि प्राचीन काल में विलुप्त हुई सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने की सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। आगामी एक बरस में नदी का स्वरूप पूरी बदल जाएगा। नदी के किनारे अथाह जल भंडार दिखाई देगा, जो जलधारा को वेग देने में काफी कारगर साबित होगा। सरकार का मुख्य फोकस आद्रि बद्री में डैम व बैराज बनाने का है, जिससे वर्ष 2024-25 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने बातचीत करते हुए कहा कि सरस्वती नदी में पुन: जलधारा को गति देने के लिए हरियाणा और हिमाचल की सीमा में डैम बनाया जाएगा। इसको लेकर जल्द ही हिमाचल सरकार ने एमओयू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने को लेकर पूरी तरह गंभीर है और उद्गम स्थली आदिबद्री पर बनने वाले डैम को निर्धारित समयावधि में पूरा के निर्देश दिए गए है। सरस्वती नदी के विकास को लेकर सरकार ने 388 करोड़ रुपये मंजूर किए है। आगामी एक वर्ष में आदिबद्री से लेकर पिहोवा तक 20 बड़े जलाशय (सरोवर) बनाने के प्रोजैक्ट पर काम किया जा रहा है, उनमें बरसाती पानी को संचय (इक_ा) करने की योजना है, ताकि उससे दोबारा नदी में पानी को प्रवाहित किया जा सके। इसके लिए ग्राम पंचायतों से जमीन उपलब्ध करवाने की मांग की जा रही है। कई पंचायते इस कार्य में सहयोग के लिए आगे आई है और जमीन उपलब्ध करवाने की हामी भी दी है। जल्द ही इन जगहों पर जलाशय बनाने का काम शुरू किया जाएगा।

नदी के किनारे नजर आएगा अथाह जल भंडार, आदि बद्री में डैम व बैराज बनाने के लक्ष्य को 2024-25 तक पूरा करने का लक्ष्य, सरस्वती नदी के विकास के लिए सरकार ने मंजूर किया 388 करोड़ का बजट

उन्होंने कहा कि सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की योजना है कि आदिबद्री पर डैम बनाया जाए। यहां पर बिजली संयंत्र भी लगाया जाएगा। डैम में 300 क्यूसिक पानी संचित किया जाएगा तो बैराज में 60 से 70 क्यूसिक पानी का संग्रह होगा। इसके साथ ही सरस्वती किनारे जितने गांव बसे है, वहां पर रिजरवायर (जलाशय) बनाने की योजना है। आगामी एक वर्ष में आदिबद्री से लेकर पिहोवा तक सरस्वती के किनारे 20 बड़े सरोवर (जलाशय) बनाने की योजना है। योजना के अंतर्गत रामपुरा हेरियां, रामपुरा कंबोयान, बोहली, मछरौली, संगौर, मुकुरपुर व स्योंसर में जलाशय बनाए जाएंगे। रामपुरा कंबोयान में 350 एकड़ भूमि पर रिजरवायर (जलाशय) भी बनाया जाएगा, जहां पर 300 क्यूसिक पानी को इक_ा करने की क्षमता तैयार की जाएगी। गंदगी से अटी पड़ी सरस्वती में पानी प्रवाहित करने से उसे स्वच्छ किया जाएगा। कुरुक्षेत्र जिले के पिपली से लेकर गीता की उद्गम स्थली ज्योतिसर तक सफाई अभियान चलाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि शाहाबाद से लेकर इस्माईलाबाद के जलबेड़ा तक मारकंडा के ओवर फ्लो पानी को भी संचित किया जाएगा। इसको लेकर बीबीपुर झील में बड़ा जलाशय बनाने की योजना है। सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने का रोडमैप तैयार कर लिया गया है। इस प्रोजैक्ट पर मुख्यमंत्री मनोहर की मंजूरी मिल चुकी है। योजना के तहत आदिबद्री पर डैम बनाया जाएगा और सरस्वती के किनारे बड़े जलाशय भी बनेंगे। इन जलाशयों में बरसाती सीजन में पानी जमा किया जाएगा और जरूरत पडऩे पर यह पानी सरस्वती को प्रवाहित भी रखेगा। डैम बनाने को लेकर हिमाचल सरकार से जल्द ही एमओयू साइन होगा, इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

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