कुरुक्षेत्र 25 मई: उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ ने कहा कि जिला में ग्रामीण स्वास्थ्य सर्वे की 533 टीमें दिन भर लोगों के स्वास्थ्य सुधार के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। परिवार के हर सदस्य का हेल्थ डाटा स्वाथ्य विभाग व प्रशासन के पास पहुंच रहा है। आमजन भी आपदा के इस दौर में चुनौती को स्वीकार करते हुए कोरोना से दूरी बनाने में अपना योगदान दे और गांवों में स्वास्थ्य स्क्रीनिंग करने वाली टीमों का सहयोग करे।
उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ ने मंगलवार को बातचीत करते हुए कहा कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान करने के लिए टीमों का गठन किया गया है। यह टीमें डोर-टू डोर सर्वे कर रही है और स्वास्थ्य जांच करते हुए कोरोना के लक्षण वालों को समय पर इलाज मुहैया करा रही है। टीमों द्वारा 420 गांवों में कोरोना संक्रमण संबंधी बचाव उपायों के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। ग्रामीण स्तर पर फील्ड में सर्वे करने वाली टीम के सदस्यों में आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर, स्कूल अध्यापक, ग्राम सचिव तथा एंटीजन टेस्ट सैंपल लेने वाला सदस्य शामिल किया गया है। यह टीम घर घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर रही है व उनके परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रही है। इस दौरान कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों की मौके पर ही सैम्पलिंग की जा रही है। यदि व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके घर में होम आइसोलेशन संबंधी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित किया जा रहा है या फिर गांव में बनाए गए 60 आइसोलेशन केंद्रों में शिफ्ट किया जा रहा है, जिनमें मरीजों को घर जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है।
स्वास्थ्य सुधार लक्ष्य के साथ काम कर रही है स्वास्थ्य विभाग की 533 टीमें:बराड़स्वास्थ्य स्क्रीनिंग टीमों के माध्यम प्रशासन के पास पहुंच रहा है 420 गांवों का डाटा, डोर-टू-डोर सर्वे कर एकत्रित किया जा रहा है ग्रामीण क्षेत्र का डाटा, ग्रामीण स्तर पर 60 आईसोलेशन सेंटर में है घर जैसा माहौल
उन्होंने कहा कि टीम के सदस्यों द्वारा क्लोज मॉनिटरिंग करते हुए कोरोना संक्रमितों की पहचान की जा रही है। इस कार्य में ग्रामीणों द्वारा बढ़चढ़ कर सहयोग दिया जा रहा है। ग्रामीण परिवेश में पहले की अपेक्षा लोगों में जागरूकता बढ़ी है और अब लोग आगे आकर कोरोना संक्रमण सम्बन्धी लक्षणों के बारे में बताते हुए अपना व अपने परिचितों का टेस्ट भी करवा रहे है। टीम के सदस्यों द्वारा डोर टू डोर सर्वे के दौरान काउंसलिंग भी की जाती है ताकि लोगों के मन में कोरोना संक्रमण को लेकर भय के स्थान पर जागरूकता बढ़े और संक्रमण होने पर वे इस बारे में जानकारी छिपाने की बजाय स्वास्थ्य सुधार की दिशा में अपना योगदान दे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार जिला प्रशासन ने विषय की गंभीरता को समझते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक्शन प्लान बना कर उस पर काम किया जा रहा है। ग्रामीणों की सुविधा को देखते हुए कोरोना संक्रमित ऐसे मरीजों के लिए जिनके घर में होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं हो है, उनके लिए गांव में ही आइसोलेशन सेंटर बनाए गए है, जहां उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण होने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में सम्पर्क करे और अपना कोविड टेस्ट करवाए। अगर रिपोर्ट पाजिटिव आती है तो घर या होम आईसोलेशन सेंटर में स्वयं को आईसोलेट करे, ताकि यह संक्रमण अन्य लोगों में ना फैल।