पिहोवा 6 मई: खंड कृषि अधिकारी पिहोवा डा. प्रदीप कुमार ने कहा कि किसान रबी सीजन की फसल गेंहू की कटाई एवं भूसा इत्यादि कार्यों से निपटने के बाद अगली फसल के लिए तैयारिया शुरू कर चुके है, जिसके अंतर्गत धान की नर्सरी से सम्बंधित तैयारियां शामिल है। इस दौरान किसान धान की पनीरी की बिजाई से पूर्व सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा का अवश्य विशेष ध्यान रखें क्योंकि दी हरियाणा प्रिजर्वेशन ऑफ सब साइल वाटर एक्ट 2009 एक ऐसा कानून है जिसके अंतर्गत किसान 15 मई से पहले धान की पनीरी की बिजाई नहीं कर सकता और 15 जून से पूर्व धान की रोपाई नहीं कर सकता है। यदि कोई भी किसान इस कानून का उलंघन करता पाया गया तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जा सकती है, जिसके अंतर्गत किसान को 10 हजार रूपये जुर्माना एवं फसल नष्ट करने पर होने वाले खर्च का भुगतान करना पड़ सकता है। खंड पिहोवा के सभी किसानों से अपील की जाति है कि इस कानून की अनुपालना में 15 मई से पूर्व धान की बिजाई ना करे और 15 जून से पहले धान की रोपाई न करे।
उन्होंने कहा कि धान की बिजाई से पूर्व कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें जैसे भारी व स्वस्थ बीज का चुनाव करें, धान की बिजाई से 24 घंटे पूर्व बीज का उपचार अवश्य करें जिसके अंतर्गत सबसे पहले 10 किलोग्राम बीज को 10 लीटर नमक के घोल (10 लीटर पानी में एक किलोग्राम नमक) में डुबोएं और हाथ से धीरे धीरे चलायें जिस से हलके एवं रोगग्रस्त बीज इस घोल की उपरी सतह पर आ जाएंगे। इसके बाद इनको निकाल दें एवं इस घोल को 3 से 4 बार साफ पानी से धो ले। इसके बाद 10 लीटर पानी में 10 ग्राम कार्बेन्डाजिम एवं 1 ग्राम स्ट्रेपटोमायसिन का घोल बना कर इसमें 10 किलो बीज की दर से 24 घंटे के लिए भिगो दें और तत्पश्चात बीज को निकालकर छाया में सुखा दें एवं बीजाई करे। पनीरी वाले खेत में 10-12 गाड़ी गोबर की खाद, 22 किलो यूरिया, 65 किलो एसएसपी प्रति एकड़ की दर से डाले ताकि स्वस्थ एवं उत्तम पनीरी तैयार हो। कम अवधि वाली किस्मो (पूसा 1509, पीआर 126) को 25-26 दिन की पनीरी रोपाई कर दें। अत: इन किस्मो की बिजाई 20 या 21 मई से पूर्व न करे। अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम कृषि अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते है।