कुरुक्षेत्र 8 अप्रैल: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार पीने के पानी, पानी के सरंक्षण और ग्रे वाटर प्रबंधन योजना को लेकर गम्भीरता से कार्य कर रही है। इस सरकार ने वर्ष 2023 तक प्रदेश में पानी प्रबंधन योजना को किसी भी सूरत में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। इसलिए सभी ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रे वाटर मैनेजमेंट प्रोजैक्ट के तहत सभी निर्माण कार्य को निर्धारित समयावधि के अंदर पूरा किया जाए। इन प्रोजैक्ट को लेकर सभी अधिकारी गम्भीरता से कार्य करेंगे। इसके साथ ही सभी जिलों में शिवधाम योजना के तहत चल रहे निर्माण कार्यों को भी तेजी के साथ पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल वीरवार को चंडीगढ़ से वीसी के जरिए अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी जिलों के उपायुक्त से शिवधाम नवीनीकरण (शमशान घाटों का जीर्णोद्घार), ग्रे वाटर मैनेजमेंट (घरों से निकले तालाबों में जाने वाले गंदे पानी को उपचारित कर पुर्नप्रयोग)तथा गेहूं खरीद प्रबंधों पर जिलेवार समीक्षा की। इस वीसी में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व कृषि मंत्री जेपी दलाल ने भी सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि शिवधाम योजना में शमशान घाटों की चारदीवारी, शैड, पक्के रास्ते और पीने के पानी की व्यवस्था शामिल है। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश के 6943 गांवों में 8703 कार्य शमशान घाट जीर्णोद्घार के पूरे हुए हैं, 4579 अभी करने हैं। इन कार्यों पर खर्च होने वाली धनराशि को लेकर उन्होंने कहा कि सभी जिले अपने स्तर पर खर्चों को जुटाएं, कुछ सरकारी बजट से भी करें, काम ऐसे हों जो लोगों को अच्छे लगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य को जरूरतों को देखते हुए पानी की बचत जरूरी है। ग्रे वाटर प्रबंधन से तालाबों में एकत्रित पानी को उपचारित कर उसे गांवों में ही सिंचाई, छोटे-मोटे उद्योग, स्कूल, बागवानी, पार्क व निर्माण कार्यों में प्रयुक्त किया जा सकता है, ताकि नहरी पानी को बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन में इस स्कीम के लिए जो पैसा मिलता है उसका प्रयोग करें। वर्ष 2023 यानि अगले दो साल तक ग्रे वाटर मैनेजमेंट के सभी कार्य पूरे करने हैं। इससे जुड़े विभाग मिशनरी भाव से कार्य करें ताकि व्यर्थ में जाने वाले पानी को उपचारित कर उसका पुर्नप्रयोग किया जा सके।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसान की फसल की समय पर खरीद हो और उसी दिन उसका उठान हो तथा फसल का भूगतान भी निर्धारित समयावधि में करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि हाल ही में आढ़तियों के साथ मीटिंग की गई थी जिसमें काफी बातों पर सहमति बनी है। ब्याज को लेकर कुछ मुद्दे थे उसका भी हल कर दिया है और उसे आढ़तियों के खाते में डालने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।
उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ ने जिला की फीडबैक देते हुए कहा कि जिला में शिवधाम योजना के तहत कुल 722 काम थे, इनमें से 676 पूर्ण हो चुके है तथा शेष कार्य जल्द शुरू होने वाले है, जिन पर करीब 2 करोड़ 55 लाख रुपये की राशि खर्च होने का अनुमान है। ग्रे वाटर मैनेजमेंट पर डीसी ने बताया कि इस स्कीम के तहत जिला में प्रथम चरण में 41 कार्य पूर्ण हो चुके हैं जबकि 11 प्रगति पर चल रहे है। डीसी ने वीसी में गेहूं खरीद कार्य से सम्बन्धित रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की और कहा कि जिले में गेहूं खरीद के लिए सभी प्रकार के पुख्ता प्रबंध किए गए है। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग, एडीसी प्रीति, अंडर ट्रैनिंग आईएएस अधिकारी वैशाली सिंह, एसडीएम अखिल पिलानी, एसडीएम सोनू राम, एसडीएम अनुभव मेहता, एसडीएम कपिल शर्मा, डीआरओ डा. चांदी राम चौधरी, डीडीपीओ प्रताप सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।