गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद शनिवार को गीता ज्ञान संस्थानम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पावन धरा से पूरे विश्व को गीता के उपदेश दिए। इस पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश आज भी पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक है। इसलिए कुरुक्षेत्र का महत्व पूरे विश्व में है। इस पावन धरा पर हर वर्ष कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव और सभी संस्थाओं की तरफ से भी गीता महोत्सव को परम्परागत और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष कोविड-19 को जहन में रखते हुए गीता ज्ञान संस्थानम के प्रांगण में भी एक सप्ताह के कार्यक्रमों का आयोजन जीओ गीता की तरफ से किया जा रहा है। इतना ही नहीं जीओ गीता की तरफ से राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी गीता महोत्स्व को लेकर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जीओ गीता की तरफ से 19 से 25 दिसम्बर तक गीता सप्ताह के रुप में मनाया जाएगा। इन कार्यक्रमों का शुभारम्भ 19 दिसम्बर को सुबह 9 बजे से 10 बजे तक गीता पूजन और यज्ञ के साथ किया जाएगा। इससे पहले ब्रहमसरोवर का पूजन किया जाएगा और संस्थानम में पवित्र ग्रंथ गीता को लेकर फेरी लगाई जाएगी और एक स्थान पर पवित्र ग्रंथ गीता को स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 19 दिसम्बर से दोपहर 2 बजे संस्थानम के सभागार में 4 दिवसीय गीता सैमिनार का शुभारम्भ किया जाएगा। यह सैमिनार दोपहर 2 बजे से सायं 4 बजे तक चलेगा। इस सैमिनार का शुभारम्भ हरियाणा के शिक्षामंत्री कवंरपाल करेंगे। इस सैमिनार के पहले दिन शिक्षा के क्षेत्र में पवित्र ग्रंथ गीता की भूमिका विषय पर प्रबुद्घ शिक्षाविदों द्वारा चर्चा की जाएगी। इस सैमिनार के लिए 4 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपनी स्वीकृति दे दी है और प्रांत के विभिन्न क्षेत्रों से शिक्षाविदों को बुलाया गया है। इस कार्यक्रम में हरियाणा शिक्षा विभाग के सचिव और निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग भी पहुंचेंगे। सैमिनार के दूसरा दिन चिकित्सा क्षेत्र में गीता का महत्व विषय रहेगा। यह सैमिनार 2 बजे से लेकर 4 बजे तक चलेगा। इस कार्यक्रम में पीजीआई चंडीगढ़, रोहतक, आयुष विश्वविद्यालय और प्रांत के प्रमुख चिकित्सक पहुंचेंगे, 21 दिसम्बर को गीता ज्ञान संस्थानम के सभागार में सायं 6 बजे से लेकर रात्रि 8 बजे तक कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इससे पहले महाआरती और यज्ञ का आयोजन होगा। इस कवि सम्मेलन में देश के प्रसिद्घ कवि शिरकत करेंगे। इन सभी कार्यक्रमों का आनलाईन प्रसारण देखा जा सकेगा और कोविड-19 की गाईडलाईंस के अनुसार 200 लोगों को ही आमंत्रित किया जाएगा।
गीता मनीषी ने कहा कि 22 दिसम्बर को सैमिनार के तीसरे दोपहर 2 बजे से लेकर 4 बजे तक पवित्र ग्रंथ गीता एवं नारी शक्ति पर चर्चा की जाएगी। इस कार्यक्रम में किसी भी क्षेत्र की प्रबुद्घ मातृ शक्ति को आमंत्रित किया जाएगा, 23 दिसम्बर को गीता सैमिनार के चौथे दिन दोपहर 2 बजे से लेकर 4 बजे पवित्र ग्रंथ गीता और प्रबंधन विषय पर चर्चा की जाएगी। इस कार्यक्रम में न्याय प्रणाली, प्रशासनिक प्रबंधन और अन्य विषयों से जुड़े विद्ववान गणों को बुलाया जाएगा, क्योंकि पवित्र ग्रंथ गीता प्रबंधन के लिए विश्व का अदभुत शास्त्र है। उन्होंने कहा कि 24 दिसम्बर को गीता ज्ञान संस्थानम में तथा आनलाईन प्रणाली से अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में 18 देशों के प्रतिनिधि भी जुड़ेंगे। इसके साथ ही सायं 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक भजन संध्या का आयोजन भी होगा, 25 दिसम्बर को सम्पूर्ण गीता यज्ञ और ब्रहमसरोवर की परिक्रमा सीमित लोगों की साथ की जाएगी, ज्योतिसर में महाआरती का आयोजन किया जाएगा।
"जीओ गीता की तरफ से मुहैया करवाए जाएंगे गाय के गोबर से बने दीप, प्रदेश की कारागारों में भी होगा गीता पाठ और यज्ञ, जीओ गीता की तरफ से गीता ज्ञान संस्थानम में महोत्सव को मनाया जाएगा गीता सप्ताह के रुप में, जीओ गीता की तरफ से 19 दिसम्बर से 25 दिसम्बर तक कार्यक्रमों का शैडयूल किया जारी, कोविड-19 की गाईडलाईंस के अनुसार होंगे कार्यक्रम, आनलाईन प्रणाली से देश-विदेश के कोने-कोने में देखे जा सकेंगे अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव के कार्यक्रम, अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता से जुड़ेंगे 18 देशों के प्रतिनिधि, 18 सप्ताह से पवित्र ग्रंथ गीता पर चल रही गीता क्वीज के 18 विजेताओं को किया जाएगा सम्मानित"
उन्होंने कहा कि जीओ गीता और संस्थानम की तरफ से विशेष आहवान किया जा रहा है कि 25 दिसम्बर को दोपहर 12 बजे देश-विदेश में अधिक से अधिक जगहों पर 15 से 20 मिनट का गीता पाठ और यज्ञ किया जाए और 18 श्लौंकों का उच्चारण एक साथ किया जाए। इसके अलावा देश-विदेश में जीओ गीता की तरफ से 25 दिसम्बर को सायं के समय दीपदान कार्यक्रम में शामिल हो और गाय के गोबर से बने दीप जलाएं ताकि दीपदान के दिन देश-विदेश में एक साथ लाखों दीप जल सके। उन्होंने लोगों से अपील की है कि प्रत्येक घर में 18-18 और मंदिरों में 108 दीप जलाएं। उन्होंने कहा कि कारागारों में भी गीता यज्ञ और गीता पाठ किया जाएगा। पवित्र ग्रंथ गीता कुरुक्षेत्र से ही नहीं हर क्षेत्र के साथ जुड़ सके, इन प्रयासों को सभी के सहयोग से अमलीजामा पहनाया जा सकेगा। इस मौके पर जीओ गीता के राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मारकंडे आहुजा, जीओ गीता के अंतराष्ट्रीय महामंत्री प्रदीप मित्तल, हरियाणा चिकित्सा सेल के संयोजक डा. सुदर्शन चुघ, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, हंसराज सिंगला, महिन्द्र सिंगला, मंगत राम जिंदल, प्रशांत पूरी, विजय नरुला, रामपाल शर्मा सहित जीओ गीता के अन्य पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे।
देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों और एयरपोर्ट पर भी मिलेंगे पवित्र ग्रंथ गीता के संदेश
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि जीओ गीता की तरफ से देश के प्रमुख रेलवे स्टेशन जिनमें दिल्ली, चंडीगढ़, पुणे और दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद जैसे प्रमुख एयरपोर्ट पर 15 दिन के लिए पवित्र ग्रंथ गीता के श्लौंको और अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2020 की शुभकामनाओं का प्रचार-प्रसार करने की अनुमति मिली है। इससे पवित्र ग्रंथ गीता के संदेश जन-जन तक पहुंचेंगे।
राष्ट्पति रामनाथ कोविंद द्वारा भेंट की गई प्लेटम की गीता को देखने का मिलेगा अवसर
गीता स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि राष्ट्पति रामनाथ कोविंद ने गीता ज्ञान संस्थानम केन्द्र को प्लेटनिम से बनी अदभुत गीता भेंट की है। इस पवित्र ग्रंथ गीता को महोत्सव के दौरान संस्थान के लघु संग्रहालय में अवलोकन कि लिए रखा जाएगा। इसके साथ ही लोग म्यूजिम को भी देख सकेंगे। इस म्यूजिम में पवित्र ग्रन्थ गीता से जुड़े पौराणिक इतिहास को रखा गया है।