बाबैन 30 नवम्बर :सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि ब्लाक बाबैन में संघोर गांव में सरस्वती एक नदी के तट पर एक पवित्र तीर्थ है इस गांव में पौराणिक गाथा अनुसार ऋषि श्रृंग ने वर्षों तक तपस्या की और ऋषि श्रृंग की वजह से ही इस गांव का नाम संघोर है। इस गांव से सरस्वती की जलधारा निकलती है। इस गांव में सरस्वती तीर्थ कर जिर्णोद्घार किया जाएगा। इस स्थान पर स्थित भगवान शिव मंदिर और सरस्वती के बीच में जो जगह है उसमें सरस्वती तीर्थ का निर्माण गांव के लिए एक बहुत बड़ी श्रद्धा का विषय है।
उन्होंने कहा कि इस तीर्थ के साथ-साथ पिपली में सरस्वती चैनल स्थल को पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इस स्थल को पर्यटन हब बनाने के लिए योजना तैयार कर ली गई है। इस योजना को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष रखा जाएगा और मुख्यमंत्री की अनुमति मिलने के बाद योजना को अमलीजामा पहना दिया जाएगा। कुरुक्षेत्र में स्थित तीर्थ धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र पहुंचने का एक पहचान भी बनेंगे। इस स्थल पर पहुंचने के बाद पर्यटकों को कुरुक्षेत्र के ब्रह्मïसरोवर, ज्योतिसर, सन्निहित सरोवर और 48 कोस के तीर्थों के बारे में भी जानकारी देने का प्रयास किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष रखा जाएगा और अनुमति मिलने के बाद इस योजना पर तेजी के साथ काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र में यह स्थल एक आकर्षण का केन्द्र बने इस प्रकार के प्रयास सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से किए जाए।
गांव के सरपंच बलविंदर यशपाल शर्मा जी विनोद शर्मा जी विक्रम सुनारिया परदेसी शिव कुमार सैनी गुरनाम सैनी तरसेम लंबरदार राजकुमार संघ और गांव संघोर में प्राचीर धरोवर एक अस्थाई जेल भी है और ऋषि श्रृंग की समाधि पर भी मठ टेक बहुत ही प्राचीन गांव है
इसको पर्यटन के रूप में भी उभारना है।