कुरुक्षेत्र 9 अक्तूबर हरियाणा के खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को 3 कृषि बिलों की ए-बी-सी भी नहीं पता है। जब राहुल गांधी को कृषि बिलों की जानकारी ही नहीं तो वह किसानों को सच्चाई कैसे बता सकते है। इसलिए राहुल गांधी ही नहीं कांग्रेस के सभी छोटे और बड़े नेता सिर्फ किसानों के कंधों पर बंदूख रखकर अपना निशाना साध रहे है। सही मायनों में प्रदेश के भोलेभाले किसान अपने खेतों में मेहनत कर रहे है, उनको धरने प्रदर्शन से कोई मतलब नहीं है। इस प्रदेश का माहौल खराब करने का प्रयास केवल कांग्रेस से जुड़े लोग ही कर रहे है। अगर राहुल गांधी किसानों के हितैषी होते तो हरियाणा के दौरे के दौरान किसानों की आय को बढ़ाने की कोई बात करते, लेकिन दौरे के दौरान राहुल गांधी ने केवल किसानों को गुमराह करने का ही काम किया है।
हरियाणा खेल मंत्री संदीप सिंह ने शुक्रवार को बातचीत करते हुए कहा कि राहुल गांधी का हरियाणा के किसानों का हितैषी बनना महज एक छलावा ही रहा, जहां पहले दो दिन किसानों के साथ संवाद करने की बात रखी, वहीं इस कार्यक्रम को 5 घंटों तक ही सीमित करने का काम किया। इतना ही नहीं अगर राहुल गांधी हरियाणा के किसानों के हितैषी होते तो यहां के किसानों को 5 घंटे इंतजार ना करवाते। इस दौरे के दौरान कांग्रेस नेताओं के अलावा कोई किसान नजर नहीं आया, क्योंकि हरियाणा का किसान जानता है कि देश पर 55 साल राज करने वाले लोग अब पंजाब के चुनावों के दौरान फिर से अपना मतलब साधने के लिए बिना मुद्दों के उनके बीच में आ गए है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने प्रदेश के लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया कि मंडी खत्म हो जाएगी, एमएसपी नहीं मिलेगा, इन विषयों का राहुल गांधी को शायद ज्ञान नहीं है। इन कृषि कानूनों का एमएसपी और मंडियों से कोई लेना-देना नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ही स्पष्टï कर चुके है कि कृषि बिलों से किसानों को कांग्रेस के 55 साल की गुलामी के बाद आजादी दिलाई गई है, अब किसान देश के किसी भी मंडी में अपनी फसल बेच सकेंगे। इतना ही नहीं सरकार ने यह भी स्पष्टï कहा कि प्रदेश से ना मंडी प्रथा खत्म होगी और ना ही एमएसपी। इस प्रदेश में सरकार हर वर्ष एमएसपी को बढ़ाकर फसल खरीदेगी और मंडियों का भी लगातार विस्तार किया जाएगा।
"प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में शुमार हुआ भारत, राहुल गांधी ने हरियाणा में किसानों के हित की नहीं रखी एक भी बात, किसानों के हित की बजाए चाईना पर रहा राहुल का फोकस, विपक्ष में रहते हुए प्रदेश के किसानों करवाया 5 घंटे इंतजार"
खेलमंत्री ने राहुल गांधी की बात का जवाब देते हुए कहा कि अदानी और अम्बानी आज से नहीं सालों से व्यापार कर रहे है। इस प्रकार उद्योगपति किसानों के हितों की रखा तो कर सकते है, लेकिन शोषण नहीं कर सकते। सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए कृषि बिल बनाए है ताकि देश का कोई भी उद्योगपति किसानों का शोषण न कर पाए और इन बिलों में किसानों की रक्षा करने के लिए ही कानून बनाया गया है और जो किसानों का अहित करेगा उसको सजा देने का भी प्रावधान किया गया है। इस बिल में कोई भी उद्योगपति किसानों की एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को कायर और कमजोर कहना राहुल गांधी की एक छोटी सोच का परिचय देते है, क्योंकि प्रधानमंत्री एक सम्मानीय पद है, इस पद की गरिमा को राहुल गांधी को समझना चाहिए। इस समय में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया के सबसे दिलेर प्रधानमंत्री साबित हुए है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाने का काम किया है और आज प्रत्येक देश भारत का सम्मान करता है तथा प्रत्येक देश भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है।
खेलमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान दिन-रात लोगों के हित और कल्याण करने के लिए काम करते रहे और देश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज देने का काम किया ताकि देश के प्रत्येक वर्ग को इसका फायदा मिल सके और लोगों को रोजगार के अवसर मिलते रहे। खेलमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जमीन से जुड़े हुए व्यक्तित्व है, उनको किसान, मजदूर और व्यापारी की एक-एक समस्या और दर्द का एहसास है। इसलिए किसानों, मजदूरों और व्यापारियों के हितों की रक्षा करने के लिए सरकार नई-नई योजनाओं को लागू कर रही है। सही मायनों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी जो कि विदेशों में पढ़े और एयर कंडीशन महलों में रहे, उनकों किसानों और मजदूरों के दर्द एहसास नहीं है। इस प्रकार के नेता किसानों और मजदूरों के साथ फोटो खिंचवाकर हितैषी बनने का ढोंग रचते है। ऐसे राजनेताओं को ब्यान देने से पहले सोचने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि कृषि बिल किसानों, व्यापारियों व मजदूरों के हित के लिए बनाए गए है। इन बिलों से किसानों को स्वतंत्रता मिलेगी और किसान आर्थिक रुप से मजबूत होंगे। इस प्रदेश के किसान इन बिलों की प्रशंसा कर रहे है।