श्री मोदी ने किसानों को 16 घंटे बिजली की आपूर्ति करने के लिए किसान सूर्योदय योजना शुरू की। उन्होंने यू. एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर से सम्बद्ध पीडियाट्रिक हार्ट हॉस्पिटल का भी उद्घाटन किया और अहमदाबाद के अहमदाबाद सिविल अस्पताल में टेली-कार्डियोलॉजी के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर गिरनार में रोपवे का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने इस अवसर पर कहा कि गुजरात हमेशा आम आदमी के दृढ़ संकल्प और समर्पण का एक अनुकरणीय मॉडल रहा है। उन्होंने कहा कि सुजलम-सुफलाम और सौनी योजना के बाद किसान सूर्योदय योजना गुजरात ने गुजरात के किसानों की जरूरतों को पूरा करने में एक मील का पत्थर स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में गुजरात में वर्षों से किया गया काम इस योजना का आधार बन गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में क्षमता में सुधार के लिए बिजली उत्पादन से लेकर ट्रांसमिशन तक सभी कार्य मिशन मोड में किए गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2010 में जब पाटन में सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन किया गया था तो कोई सोच भी नहीं सकता था कि भारत दुनिया को ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ का रास्ता दिखाएगा। प्रधानमंत्री ने इस बात की सराहना की कि भारत अब सौर ऊर्जा में पिछले कुछ वर्षों में दुनिया में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है और तेजी से आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने किसान सूर्योदय योजना की बात करते हुए कहा कि पहले ज्यादातर किसानों को केवल रात में सिंचाई के लिए बिजली मिलती थी और पूरी रात जगना पड़ता था। गिरनार और जूनागढ़ में किसान जंगली जानवरों की समस्याओं का सामना करते हैं। किसान सूर्योदय योजना के तहत किसानों को सुबह पांच बजे से रात नौ बजे तक तीन चरणों में बिजली की आपूर्ति मिलेगी और उनके जीवन में एक नई सुबह आएगी।
प्रधानमंत्री ने अन्य मौजूदा प्रणालियों को प्रभावित किए बिना, ट्रांसमिशन की पूरी तरह से नई क्षमता तैयार करके यह काम करने के लिए गुजरात सरकार के प्रयासों की सराहना की। इस योजना के तहत, अगले दो-तीन वर्षों में लगभग 3500 सर्किट किलोमीटर नई ट्रांसमिशन लाइनें बिछाई जाएंगी और आने वाले दिनों में एक हजार से अधिक गांवों में इसे लागू किया जाएगा और इनमें से ज्यादातर गांव आदिवासी बहुल क्षेत्रों में हैं। उन्होंने कहा कि यह लाखों किसानों के जीवन को बदल देगा, जब पूरे गुजरात को इस योजना के माध्यम से बिजली की आपूर्ति मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने किसानों के निवेश को कम करते और उनकी कठिनाइयों से पार पाते हुए उनकी आय दोगुनी करने में मदद करने के लिए बदलते समय के अनुरूप लगातार काम करने की अपील की। उन्होंने हजारों एफपीओ, नीम कोटिंग यूरिया, मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने और कई नई पहल शुरू करने जैसी किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार द्वार की गयी पहलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुसुम योजना के तहत, एफपीओ, पंचायत और ऐसे सभी संगठनों को बंजर भूमि पर छोटे सौर संयंत्र स्थापित करने में मदद की जाती है और किसानों के सिंचाई पंप भी सौर ऊर्जा से जुड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि इससे पैदा होने वाली बिजली किसानों द्वारा अपनी सिंचाई के लिए इस्तेमाल की जाएगी और वे अधिशेष बिजली बेच सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने बताया कि बिजली के साथ-साथ गुजरात ने सिंचाई और पेयजल के क्षेत्र में भी सराहनीय काम किया है। उन्होंने कहा कि लोगों को सिर्फ पानी पाने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी और आज पानी उन जिलों तक पहुंच गया है, जिसकी पहले कल्पना भी नहीं की गई थी। उन्होंने सरदार सरोवर परियोजना और वाटर ग्रिड जैसी परियोजनाओं पर गर्व महसूस किया, जिससे पानी गुजरात के सूखा प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि गुजरात में 80 प्रतिशत घरों में पीने का पानी है और बहुत जल्द गुजरात ऐसा राज्य होगा जहां हर घर में पीने का पानी होगा। उन्होंने किसानों से प्रति बूंद अधिक फसल के मंत्र को दोहराने का आग्रह किया क्योंकि किसान सूर्योदय योजना का उद्घाटन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिन के दौरान बिजली उपलब्ध कराने से किसानों को सूक्ष्म सिंचाई स्थापित करने में मदद मिलेगी और किसान सूर्योदय योजना राज्य में सूक्ष्म सिंचाई के विस्तार में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री ने यू.एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर का उल्लेख करते हुए कहा कि यह देश के कुछ अस्पतालों में से एक है जिसमें विश्व स्तर के बुनियादी ढांचे के साथ-साथ एक आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध है और यह भारत का सबसे बड़ा हृदयरोग अस्पताल होगा। उन्होंने कहा कि गुजरात ने आधुनिक अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों का एक नेटवर्क स्थापित करने और हर गांव को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ने के साथ एक सराहनीय काम किया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गुजरात के 21 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिला है। कम लागत वाली दवाएं उपलब्ध कराने वाले 525 से अधिक जनऔषधि केंद्र गुजरात में खोले गए हैं और इसमें से लगभग 100 करोड़ रुपये का उपयोग गुजरात के आम लोगों के इलाज के लिए किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गिरनार पर्वत मां अम्बे का घर है। इस पर गोरखनाथ शिखर, गुरु दत्तात्रेय शिखर और एक जैन मंदिर स्थित है। उन्होंने कहा कि विश्व स्तरीय रोपवे के उद्घाटन के साथ यहां अधिक से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक आएंगे। उन्होंने कहा कि यह बनासकांठा, पावागढ़ और सतपुड़ा के साथ गुजरात में चौथा रोपवे होगा। उन्होंने कहा कि यह रोपवे अब लोगों को नौकरी और आर्थिक अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि जब ऐसी प्रणालियां जो लोगों को इतनी सुविधा प्रदान करती हैं, इतने लंबे समय तक अटकी रहती हैं, तब लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। श्री मोदी ने पर्यटन स्थलों को विकसित करने से स्थानीय लोगों को होने वाले आर्थिक लाभों की जानकारी दी। उन्होंने शिवराजपुर समुद्र तट जैसे स्थलों का उल्लेख किया, जिन्हें नील ध्वज प्रमाणीकरण मिला है। उन्होंने और स्टैचू ऑफ यूनिटी का भी उल्लेख किया जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के काफी अवसर मिलते हैं। उन्होंने अहमदाबाद के कांकरिया झील का उदाहरण दिया, जहां पहले कोई नहीं जाता था। लेकिन साफ-सफाई के बाद अब सालाना लगभग 75 लाख लोग झील घूमने जाते हैं और यह बहुत सारे लोगों के लिए कमाई का स्रोत भी बन गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें कम निवेश के साथ रोजगार के बहुत सारे अवसर मिलते हैं। उन्होंने गुजरात के लोगों और दुनिया भर में रह रहे गुजरात के लोगों से आग्रह किया कि वे गुजरात के विभिन्न पर्यटन स्थलों का प्रचार करने के लिए उसके दूत बनें और इसकी प्रगति में मदद करें।
किसान सर्वोदय योजना
मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी के नेतृत्व में गुजरात सरकार ने सिंचाई के लिए दिन में बिजली की आपूर्ति प्रदान करने के लिए, हाल ही में ‘किसान सूर्योदय योजना’ की घोषणा की थी। इस योजना के तहत, किसान सुबह पांच बजे से रात नौ बजे तक बिजली की आपूर्ति पा सकेंगे। राज्य सरकार ने 2023 तक इस योजना के तहत ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए 3500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। परियोजना के तहत कुल 3490 सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) की लंबाई के साथ 234 ’66-किलोवाट’ ट्रांसमिशन लाइनें स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा 220 केवी सब-स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे।
दाहोद, पाटन, महिसागर, पंचमहल, छोटा उदयपुर, खेड़ा, तापी, वलसाड, आनंद और गिर-सोमनाथ को 2020-21 के लिए योजना के तहत शामिल किया गया है। बाकी जिलों को 2022-23 तक चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा।
पीडियाट्रिक हार्ट हॉस्पिटल को यू.एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च के साथ सम्बद्ध किया गया।
प्रधानमंत्री ने यू.एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर से सम्बद्ध पीडियाट्रिक हार्ट हॉस्पिटल का भी उद्घाटन किया और अहमदाबाद के अहमदाबाद सिविल अस्पताल में टेली-कार्डियोलॉजी के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया।
यू.एन. मेहता इंस्टीट्यूट अब भारत का सबसे बड़ा हृदयरोग अस्पताल बन जाएगा। यह पहले से ही दुनिया के कुछ चुनिंदा अस्पतालों में से एक है जहां विश्वस्तरीय चिकित्सा अवसंरचना और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।
इस संस्थान का 470 करोड़ रुपये की लागत से विस्तार किया जा रहा है। विस्तार परियोजना के पूरा होने के बाद यहां उपलब्ध बिस्तरों की संख्या 450 से बढ़कर 1251 हो जाएगी। संस्थान देश का सबसे बड़ा एकल सुपर स्पेशलिटी कार्डियक शिक्षण संस्थान भी बन जाएगा और दुनिया के सबसे बड़े एकल सुपर स्पेशिएलिटी कार्डियक अस्पतालों में से एक होगा।
संस्थान की इमारत भूकंप से बचाने वाली निर्माण संरचना, अग्निशमन हाइड्रेंट सिस्टम और फायर मिस्ट सिस्टम जैसी सुरक्षा सावधानियों से लैस है। अनुसंधान केंद्र में ऑपरेशन कक्ष से लैस भारत का पहला उन्नत कार्डियक आईसीयू उपलब्ध है, जो वेंटिलेटर, आईएबीपी, हेमोडायलिसिस, ईसीएमओ आदि से सुसज्जित है। यहां 14 ऑपरेशन सेंटर और 7 कार्डियक कैथीटेराइजेशन लैब भी शुरू किए जाएंगे।
गिरनार रोपवे
गुजरात 24 अक्टूबर, 2020 को गिरनार में रोपवे के उद्घाटन के अनावरण के साथ एक बार फिर वैश्विक पर्यटन मानचित्र में जगह बनाएगा। शुरुआत में इसमें 25-30 केबिन होंगे जिनमें से प्रत्येक में आठ लोगों के बैठने की क्षमता होगी। रोपवे के साथ 2.3 किलोमीटर की दूरी अब केवल साढ़े सात मिनट में पूरी की जाएगी। इसके अलावा, रोपवे से गिरनार पर्वत के आसपास के नैसर्गिक सौंदर्य का भी आनंद उठाया जा सकेगा।
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